किसी ने धूल क्या झोंकी
आखों में,
पहले से बेहतर दिखने लगा है
SAD SHAYARI
Sad Shayari
सूखे पत्तों की तरह बिखरे हैं हम तो किसी ने समेटा भी तो सिर्फ जलाने के लिए !!
SAD SHAYARI
बहुत अन्दर तक तबाही मचाता है वो आंसू !! जो आँखों से बह नहीं पाता !!
SAD SHAYARI
वक़्त तेज़ी से बदल गया
और तुम वक़्त से भी
तेज़ निकले !!
SAD SHAYARI
चुप चाप सहती खामोशियो की क्या खता थी मंजिल पे पहुच कर दूर जाने की क्या वजह थी
SAD SHAYARI
दिल जलाओ या दीये आँखों के दरवाज़े पर, वक़्त से पहले तो आते नहीं
आने वाले
SAD SHAYARI
अगर किसी से मोहब्बत बेहिसाब हो जाए, तो समझ जाना वो नसीब में नहीं है तुम्हारे
SAD SHAYARI
मुझे मुरदा समझ कर रो ले अब अगर मै ज़िंदा हूँ तो तेरे लिए नहीं हूँ
SAD SHAYARI
तुम्हारा सिर्फ हवाओं पे शक़ गया होगा, चिराग़ खुद भी तो जल-जल के थक गया होगा।
SAD SHAYARI
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