2 Line Dard Bhari Shayari:-If you looking for the Latest 2 Line Dard Bhari Hindi Shayari with Images. So, this is the right place to read New Two Lines Dard Shayari in Hindi for Broken Heart Lovers. Here, we uploaded a huge collection of Two Lines Dard Shayari in Hindi with Images. You can easily read and copy your favorite Painful Shayari by the copy button and share it with a broken lover.
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हर गलती सिर्फ #Sorry से माफ़ नहीं होती,
कुछ गलतियाँ ऐसी भी होती है जो उम्र भर दर्द देती है !!
किसी कहने वाले ने भी क्या खूब कहा है की
मेरी ज़िन्दगी इतनी प्यारी नहीं की मैं मौत से डरु !
कुछ लोग खाने के इतने शौक़ीन होते है,
की वो दूसरों की खुशियाँ भी खा जाते है !!
कठपुतली के दर्द को भला किसने जाना है !
डोर नचाती है, खुश होता जमाना है !
मेरे साथ धोखा तो उन लोगो ने किया,
जिन्होंने अपना होने का दावा सबसे ज्यादा किया था !!
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2 Line Dard Shayari In Hindi
रोज एक नयी तकलीफ, रोज एक नया गम,
न जाने कब एलान होगा की मर गए है हम !!
ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है ना किताबें बोल पाती है,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले !!
मुँह खोल कर तो हंस देता हूँ मैं हर किसी के साथ,
लेकिन दिल खोल कर हंसे मुझे ज़माने गुज़र गए !!
किस दर्द को लिखते हो इतना डूब कर,
एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर!!!
शिकवा तो एक छेड़ है लेकिन हकीक़तन,
तेरे सितम भी तेरी इनायत से कम नहीं
आदत बदल सी गई है वक़्त काटने की,
हिम्मत ही नहीं होती अपना दर्द बांटने की
काश दर्द के भी पैर होते,
थक कर रुक तो जाते कहीं
कुछ बुँदे पानी की ना जाने कबसे रुकी है पलकों पे,
ना ही कुछ कह पाती है और ना ही बह पाती है !!
ए आईने तेरी भी हालत अजीब है मेरे दिल की तरह,
तुझे भी बदल देते है ये लोग तोड़ने के बाद !!
ऐ जिंदगी इस बार मुझे तोड़कर ऐसा बिखेर,
ना मैं खुद जुड़ पाऊँ और ना कोई फिर से तोड़ पाए !!
एक फ़साना सुन गए एक कह गए,
मैं जो रोया तो मुस्कुराकर रह गए
हमारा चार दिन की ज़िंदगी में हाल ऐसा है,
न जाने लोग कैसे है जो सौ सौ साल जीते है
कुछ जख्म सदियों बाद भी ताजा रहते है,
वक़्त के पास हर मर्ज़ की दवा नहीं होती !!
कोई तो बहाना दे ऐ ज़िंदगी,
की जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ !!
अनजान अगर हो तो गुजर क्यूँ नहीं जाते,
पहचान रहे हो तो ठहर क्यूँ नहीं जाते।
ये दर्द चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह,
मगर ख़ामोश रहेता हूँ अपनी तक़दीर की तरह
बड़ा मुश्किल है जज़्बातो को पन्नो पर उतारना,
हर दर्द महसूस करना पड़ता है लिखने से पहले
खुद के रोने की सिसकियाँ अब सुनाई नहीं देती,
हमनें आँसुओं को भी डांट कर समझा रखा है
दर्द तो अकेले ही सहते है सभी,
भीड़ तो बस फर्ज अदा करती है !!
जो लोग दूसरों की आँखों में आँसूं भरते है,
वो क्यूँ भूल जाते है की उनके पास भी दो आँखें है !!
इतना ना तराशो की वजूद ही ना रहे हमारा,
हर पत्थर की किस्मत में नहीं होता खुदा हो जाना !!
दर्द हल्का है और साँसे भारी है,
जिए जाने की रसम जारी है !!
कभी कभी सबके सामने हँसना,
तनहा रोने से ज्यादा तकलीफ देता है !!
निकले हम दुनियां की भीड़ में तो पता चला,
की हर वो शख्स अकेला है जो दुसरो पर भरोसा करता है !!
अब तो डर लगता है उन लोगों से,
जो कहते है की मेरा विश्वास तो करो !!
हम तो नरम पत्तो की शाख हुआ करते थे,
छिले इतने गए की खंजर हो गए !!
तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुज़री,
तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया !!
इंसान कितना भी खुशकिस्मत क्यूँ ना हो,
उसकी कुछ ख्वाहिशे अधूरी रह ही जाती है !!
बुलन्दी देर तक किस शख्स के हिस्से में रहती है,
बहुत ऊँची इमारत हर घडी खतरे में रहती है
बड़ी बेपरवाह हो गई है खुशियाँ भी आजकल,
कब आती है कब जाती है पता ही नहीं चलता !!
ऐ खुदा रास्ते थोड़े आसान कर देना,
सफर में साथ देने वाले लोगो ने अब रास्ता बदल लिया है !!
पढने वाले की कमी है,
वरना गिरते आँसू भी एक किताब ही है !!
ये सापों की बसती है ज़रा देख के चल ए नादान,
यहाँ हर शख्स बड़े ही प्यार से डसता है !!
कौन समझ पाया है आज तक हमें,
हम अपने हादसों के इकलौते गवाह है !!
एक नए दर्द की तलाश में निकला हूँ मैं,
सूना है पुराने जख्म की दवा एक नया जख्म है !!
मुझे क्या पता धोखे की किंमत,
मेरे अपने तो मुफ्त में दे जाते है !!
कुछ लोग तो इसलिये अपने बने है अभी की,
मेरी बरबादियाँ हो तो दीदार करीब से हो !!
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2 Line Bewafa Dard Bhari Shayari
अगर कोई आपके रोने से वापस आ जाता,
तो वो आपको रोने के लिए छोड़कर जाता ही नहीं !!
भूल गया हर शख्स मुझे कुछ इस तरह से,
जैसे भूल जाता है कोई किसीको मरने के बाद !!
शायद खुशी का दौर भी आ जाए एक दिन,
ग़म भी तो मिल गये थे तमन्ना किये बगैर !!
खत्म हो गए रिश्ते उन लोगो से भी,
जिनसे मिलकर लगता था जिंदगी भर साथ देंगे !!
बस इन आठ लफ्जों के दरमियान सिमट जाती है हर मोहब्बत की कहानी:
मैं, तुम, मिलना, इंतज़ार, बिछड़ना, यादें, फरियाद, दर्द
नफरत मत करना हमसे हमे बुरा लगेगा
बस प्यार से कह देना तेरी जरुरत नही
लोग कहते है की जो दर्द देता है वो ही दवा देता है,
पता नहीं ऐसी फालतू बातो को कौन हवा देता है
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया,
इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते।
मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ
कौन कहता है दर्द बिकता नहीं !!!
फैसला ये मेरे यार बहुत मुश्किल है!!!
तेरे ज़ुल्म सहें या कि फ़ना हो जाएँ!!
जब्त कहता है कि खामोशी से बसर हो जाये,
दर्द की जिद है कि दुनिया को खबर हो जाये।
वो लफ्ज कहाँ से लाऊं जो तुझको मोम कर दें,
मेरा वजूद पिघल रहा है तेरी बेरूखी से।
मुझसे ऐ आईने मेरी बेकरारियाँ न पूछ,
टूट जाएगा तू भी मेरी खामोशियाँ सुन के!!!
एक दो ज़ख्म नहीं जिस्म है सारा छलनी,
दर्द बेचारा परेशान है कहाँ से निकले
हमें देख कर जब उसने मुँह मोड़ लिया,
एक तसल्ली हो गयी चलो पहचानते तो हैं
हाल पूछा न `खैरियत` पूछी,
आज भी उसने मेरी हैसियत पूछी !!
ना जाने दुनिया में ऐसा क्यूँ होता है,
जो सबको खुशियाँ दे वही सबसे ज्यादा रोता है !!
नींद मिल जाए कहीं तो भेजना जरा,
बहोत सारे ख्वाब अधूरे है मेरे !!
वक्त से पूछकर बताना ज़रा,
जख्म क्या वाकई भर जाता है !!
जिस कदर जिसकी कदर की,
उस कदर बेकदर हुए है हम !!
सुना है कुछ पाने के लिए कुछ महेनत करनी पड़ती है,
ना जाने मैंने कौन सी महेनत की थी दर्द को पाने के लिए !!
मैं बुरा कैसे बन गया ?
दर्द लिखता हूँ किसीको देता तो नहीं !!
गिरते हुए आँसूं कौन देखता है,
झूठी मुस्कान के सब दीवाने है !!
पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है,
हँसने वालो को क्या पता की रोने वाला किस कदर रोया है !!
किसी को मिल गया मौक़ा बुलन्दियों को छूने का,
मेरा नाकाम होना भी किसीके काम तो आया !!
जरुरत जब भी थी मुझको किसीके साथ की,
उन्हीं ख़ास लम्हों में मुझे छोड़ा है मेरे अपनों ने !!
कैसे कहूँ की उसके धोखे ने किया है,
मेरा कत्ल तो मेरे भरोसे ने किया है !!
कोई खास फर्क नहीं पडता अब ख्वाहिशें अधूरी रहने पर,
बहुत करीब से कुछ सपनों को टूटते हुए देखा है मैंने !!
अब ना करूँगा अपने दर्द को बयाँ किसीके सामने,
दर्द जब मुझको ही सहना है तो तमाशा क्यूँ करना !!
बहुत मुश्किलो के बाद पत्थर का बना हुँ,
मैं जीना चाहता हुँ यारो मुझे मोम ना करो !!
अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का,
जिसका जितना दर्द बुरा, शायरी उतनी ही अच्छी
तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल में एक बार ।
दर्द हो तो समझ लेना मुहब्बत अभी बाकी है ।।
दर्द का मेरे यकीं आप करें या न करें,
इल्तजा इतनी सी है बस दुआओं में याद रखें!
हाले दिल किस से कहते
दर्द भी उसी ने दिया जो वजह थी मुस्कुराने की.!!
ना रोक कलम मुझे दर्द लिखने दे,
आज तो दर्द रोयेगा या दर्द देने वाला..!!
Two Lines Mohabbat Dard Bhari Shayari
किसी शायर को कभी उसकी उदासी की वजह पूछना,
दर्द को इतनी ख़ुशी से सुनाएगा की प्यार हो जायेगा !!
जितनी मोहब्बत मिली सारी बाँट दी दुनिया वालों को,
जब मैंने झोली फैलाई तो किसी ने दर्द के सिवा कुछ न दिया !
मत पूछो शिशे को उसकी टूट जाने की वज़ह,
उसने भी किसी पत्थर को अपना समझा होगा !!
जिन पर लुटा चुका था मैं दुनिया की दौलतें,
उन वारिसों ने मुझको कफन भी नाप कर दिया !!
दर्द सहने की इतनी आदत सी हो गई है,
कि अब दर्द ना मिले तो बहुत दर्द होता है!!!
बैठे है रहगुज़र पर दिल का दिया जलाये,
शायद वो दर्द जाने, शायद वो लौट आये!!
एक परवाह ही बताती है कि ख्याल कितना है,
वरना कोई तराज़ू नहीं होता रिश्तों में …
निभा दिया उसने भी दस्तूर दुनिया का तो गिला कैसा,
पहचानता कौन है यहां मतलब निकल जाने के बाद !!
आज रात जी भर के रो के देख लूँ,
सुना है की रात के अंधेरों में दर्द की नीलामी हो जाती है
खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते,
लोग कहते है हम मुस्कुराते बहुत है
और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते !!
तासीर किसी भी दर्द की मीठी नहीं होती गालिब,
वजह यही है की आंसू भी नमकीन होते है !!
मेरी किस्मत का भी कोई जवाब नहीं,
जो अच्छा लगे वही भूल जाता है !!
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें..
कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं।
हंसी आती ये सोचकर कि दर्द कोई समझता नही…
मगर उन्हीं दर्दनाक अल्फ़ाज़ो पर दाद देते है लोग…
शुक्र करो कि हम दर्द सहते हैं, लिखते नहीं ।
वरना कागजों पर लफ़्ज़ों के जनाज़े उठते ॥
अफसोस ये नही है कि दर्द कितना है,
दर्द ये है कि तुम्हे परवाह नही है………!!!
हमारा दर्द फैला पडा था कागज पर
जो समझा रो दिया जो न समझा मुस्कुरा दिया…
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का
अधूरी हो सकती है पर ख़त्म नहीं
बे वजह नहीं रोता इश्क़ में कोई ग़ालिब,
जिसे खुद से बढ़कर चाहो वो रुलाता जरूर है ….
कितना मुश्किल है उस शख़्स को मानना,
जो रूठा भी न हो और बात भी न करे …
माना मौसम भी बदलते है मगर धीरे – धीरे ….
तेरे बदलने की रफ़्तार से तो हवाएं भी हैरान है …
ना जाने मेरी मौत कैसी होगी,
पर ये तो तय है कि तेरी बेवफाई से तो बेहतर होगी …
कुछ रिश्ते बहुत रूहानी होते है,
अपनेपन का शोर नहीं मचाया करते है,
रात को कह दो कि ज़रा धीरे से गुजरे,
काफी मिन्नतों के बाद आज दर्द सो रहा है,
चलो मान लिया तुम्हारी आदत है तड़पना,
लेकिन सोचो कोई मर गया तो,
कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में,
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है,
किस मुँह से सुलह करू,
झगड़ा भी तो नहीं हुआ है,
बदलना कौन चाहता है ज़नाब,
लोग यहाँ मजबूर कर देते है बदलने के लिए
भूलना सीखिए जनाब,
एक दिन दुनिया भी वही करने वाली है,
लिखते है सदा उन्ही के लिए,
जिन्होंने हमें पढ़ा ही नहीं,
चुप थे तो चल रही थी जिंदगी लाजवाब,
खामोशियाँ बोलने लगी तो बवाल हो गया,
गुस्से में आदमी बेकार की बातें तो करता है,
पर कई बार दिल की बात भी कह जाता है
बदलते इंसानो की बात हमसे न पूछो,
हमने अपने हमदर्द को हमारा दर्द बनते देखा है
साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती है,
फिर शिकायत सिर्फ मोहब्बत से क्यों
कदर वो होती जो किसी की मौजूदगी में हो,
जो किसी के जाने के बाद हो उसे पछतावा कहते है
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