Ham Inkaar Na Kar Sake

तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सके,
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके,

तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी,
और हम थे की इंकार न कर सके।


Tujhe Chaha Bhi To Ijahar Na Kar Sake,
Kat Gai Umra Kisi Se Pyar Na Kar Sake,

Tune Manga Bhi To Apani Judai Mangi,
Aur Ham The Ki Inkar Na Kar Sake!!


उन लोगों का क्या हुआ होगा
जिनको मेरी तरह गम ने मारा होगा

किनारे पर खड़े लोग क्या जाने
डूबने वाले ने किस किस को पुकारा होगा


Un Logo Ko Kya Hua Hoga
Jinko Meri Tarah Gam Ne Mara Hoga

Kinare Par Khade Log Kya jaane
Dubne Wale Ne Kis Kis Ko Pukara Hoga


Ham Inkaar Na Kar Sake
Ham Inkaar Na Kar Sake

प्यार क्या होता है हम नहीं जानते,
ज़िन्दगी को हम अपना नहीं मानते,

गम इतने मील के एहसास नहीं होता,
कोई हमें प्यार करे अब विश्वास नहीं होता


Pyar Kya Hota Hai Ham Nahi Janate,
Zindagi Ko Ham Apana Nahi Manate,

Gam Itane Mile Ke Ehasas Nahi Hota,
Koi Hame Pyar Kare Ab Vishwas Nahi Hota


तुम बिन ज़िंदगी सूनी सी लगती है,
हर पल अधूरी सी लगती है,

अब तो इन साँसों को अपनी साँसों से जोड़ दे,
क्योंकि अब यह ज़िंदगी कुछ पल की मेहमान सी लगती है।


Tum Bin Zindagi Suni Si Lagati Hai,
Har Pal Adhuri Si Lagati Hai,

Ab To In Sanson Ko Apani Sanson Se Jod De,
Kyonki Ab Yah Zindagi Kuchh Pal Ki Mehaman Si Lagati Hai.

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