Wakt Bura Hai ya Ham Bure Hai

अब तो तेरे लिये हम अजनबी हो गये
बातों के सिलसिले भी कम हो गये

खुशियो से ज्यादा गम हो गये
क्या पता, ये वक्त बुरा हे या बुरे हम हो गये


Aab To Tere Liye Ham Ajnabi Ho Gaye
Bato Ke Silsile bhi Kam Ho gaye

Khushiya Se Jyada Gam Ho Gaye
Kya Pata, Ye Wakt Bura, Ya Bure Ham Ho gaye…


Wakt Bura Hai ya Ham Bure Hai
Wakt Bura Hai ya Ham Bure Hai

इन फूलों में अब तो महक ही नहीं है,
इन राहो की अब कोई मंज़िल ही नहीं है,

कर लेता मैं मोम अगर कोई पत्थर दिल होता,
पर यहाँ तो किसी में इंसानी दिल ही नहीं है।


In Phulon Mein Ab To Mahak Hi Nahin Hai,
In Raho Ki Ab Koi Manzil Hi Nahin Hai,

Kar Leta Main Mom Agar Koi Patthar Dil Hota,
Par Yahan To Kisi Mein Insani Dil Hi Nahin Hai.


वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी,
मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी,

उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना,
वो नादान है यारो.. अपना हाथ जला लेगी।


Vo Bevafa Hamara Imteha Kya Legi,
Milegi Nazaro Se Nazare To Apani Nazare Zuka Legi,

Use Meri Kabar Par Diya Mat Jalane Dena,
Vo Nadan Hai Yaro.. Apana Hath Jala Legi.

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