बसाकर उजाड़ेंगे कबी सोचा ना था
ऐसे दौर से गुजरेंगे कभी सोचा ना थाकितना विश्वास था उसके प्यार पे
इस तरह धोका देगा कभी सोचा ना था
Basaakar Ujadenge Kabi Socha Na Tha
Aise Daur Se Guzrenge Kabi Socha Na ThaKitna Viswas Tha Uske Pyar Pe
Is Tarah Dhoka Dega Kabi Socha Na Tha
धुँआ धुँआ सा लग रहा है शहर में
लग रहा है किसी का इश्क़ जल रहा है..!!
Dhua Dhua Sa Lag Raha Hai Shahar Mein
Lag Raha Hai Kisi Ka Ishq Jal Raha Hai..!!
तुम लोग तो बस अल्फाजो को पढ़ लेते हो
कभी सोचा कितना दर्द बड़ा होगा तब
ये अलफ़ाज़ कलम तक आये होंगे
Tum Log To Bas Alfajo Ko Padh Lete Ho
Kabhi Socha Kitana Dard Bada Hoga Tab
Ye Alafaz Kalam Tak Aaye Honge
अब आएं या न आएं इधर पूछते चलो
क्या चाहती है उनकी नज़र पूछते चलोहम से अगर है तर्क-ए-ताल्लुक तो क्या हुआ
यारो कोई तो उनकी ख़बर पूछते चलो।
Ab Aaye Ya Na Aaye Idhar Puchhate Chalo
Kya Chahati Hai Unaki Nazar Puchhate ChaloHam Se Agar Hai Tark-E-Talluk To Kya Hua
Yaro Koi To Unaki Khabar Puchhate Chalo.