मौत मिलती है न ज़िंदगी मिलती है
ज़िन्दगी की राहों में बेबसी मिलती हैरुला देते हैं क्यों मेरे अपने
जब भी मुझे कोई ख़ुशी मिलती है
Maut Milti Hai Na Zindgi Milti Hai
Zindagi Ki Raaho Mein Bebasi Milti HaiRula Dete Hain Kyu Mere Apne
Jab Bhi Mujhe Koi Khushi Milti Hai
हसी की राह में गम मिले तो क्या करे,
वफ़ा की राह में बेवफा मिले तो क्या करे,कैसे बचाये ज़िन्दगी को धोखेबाज़ों से
कोई मुस्कुराके धोखा दे जाये तो क्या करे
Hasi ki raah me gam mile to kya kare,
Wafa ki raah me bewafa mile to kya kare,Kaise bachaye zindagi ko dhokebazon se
Koi muskurake dhoka de jaye to kya karein…
महफ़िल में कुछ तो सुनाना पड़ता है;
ग़म छुपा कर मुस्कुराना पड़ता है;कभी हम भी उनके अज़ीज़ थे;
आज-कल ये भी उन्हें याद दिलाना पड़ता है।
Mahefil Me Kuch to Sunana Padta Hai,
Gam Chhupa Kar Muskurana Padta HaiKabhi Ham Bhi Unake Ajeej the
Aaj-Kal Ye Bhi Unhe Yad Dilana Padta Hai