इस इश्क की किताब से,
बस दो ही सबक याद हुए,कुछ तुम जैसे आबाद हुए,
कुछ हम जैसे बर्बाद हुए।
Is Ishk Ki Kitab Se,
Bas Do Hi Sabak Yad Huye,Kuchh Tum Jaise Aabad Hue,
Kuch Hum Jaise Barbaad Hue
रोकना मेरी हसरत थी जाना उसका शौक।
वो शौक पूरा कर गए मेरी हसरतें तोड़ कर।
Rokana Meri Hasarat Thi Jana Usaka Shauk.
Wo Shauk Pura Kar Gaye Meri Hasaraten Tod Kar.
दोस्ती की वफादारी में गम का अँधेरा आता क्यों है,
जिसे हमने चाहा वो हमे रुलाते क्यों है,
अगर वो मेरे नसीब में नहीं,
तो ख़ुदा ऐसे लोगो से मिलाता क्यों है…
Dosti Ki Wafadari Me Gum Ka Andhera Aata Kyu Hai,
Jise Humne Chaha Wo Hume Rulata Kyu Hai,
Agar Wo Mere Nasib Mei Nahi,
To Khuda Aise Logo Se Milata Kyu Hai…