वो रुक्सत हुयी तो आँख मिलाकर नहीं गयी
वो क्यू गयी ये बताकर नहीं गईलगता है वापिस अभी लौट आएगी
वो जाते हुए चिराग बुझा कर नहीं गयी
Wo Ruksat Huyi To Ankh Milakar Nahi Gayi,
Wo Q Gayi Ye Batakar Nahi GyiLagta He Wapis Abhi Laut Ayegi
Wo Jate Huye Chirag Bujha kar Nahi Gayi
फुर्सत मिली जब हमको तो तन्हाई आ गयी,
गम भी आया साथ में रुस्वाई आ गयी,इन सब से मिलने आँखों से आंसू भी आ गयी,
जब याद मेरे दिल को तेरी जुदाई आ गयी
Fursat Mili Jab Hmko To Tanhai Aa Gayi,
Gum bhi Aaya Sath Me Ruswai Aa Gayi,
In Sb Se Milne Ankhon Se Ansoo Bhi Aa Gayi,
Jb Yaad Mere Dil Ko Teri Judai Aa gyi…
कुछ बातें करके वो हमें रुला के चले गए
हम न भूलेंगे यह एहसास दिला के चले गएआयेंगे कब वो अब तो यह देखना है उम्र भर
बुझ रही है वो आग जिसे वो जला कर चले गए।
Kuch Bate Karke Wo, Hame Rula Ke Chale Gaye
Ham Na Bhulenge Yeh Ehsas Dila Ke Chale GayeAayenge Kab Wo Aab To Yah Dekhna Hai Umar Bhar
Bujh Rahi Hai wo Aag Jise Wo Jalakar Chale Gaye…
उस से मिलते ही यह एहसास हुवा था मुझको फ़राज़
ये वही शख्स है जो लम्बी जुदाई देगा
Uss Se Milte Hi Yeh Ehsas Huwa Tha Mujhko Faraz
Ye Wohi Shaks Hai Jo Lambi Judai De Ga